श्री कौशल प्रसाद एडवोकेट स्मृति द्वार निर्माण
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दिनांक 5 अगस्त 2025 दिन मंगलवार को जब मैं कैराना कचहरी मेँ पहुंची, तब साथी अधिवक्ताओं ने बताया कि अफ़ज़ाल टाइपिंस्ट जिसकी दुकान द्वार के उत्तरी दिशा मेँ है, ने इंतजार अहमद एडवोकेट, नसीम अहमद एडवोकेट आदि के उकसाने पर इतने दिन मेँ बने पिलर के सरिये काट कर जमीन को समतल कर दिया है और अब द्वार का काम रुक गया है.
दिनांक 05/08/2025 को ही ये सब सुनकर मैं महासचिव सहित बार एसोसिएशन के सम्मानित अधिवक्ताओं से मामले की पूरी तहकीकात कर तुरंत घर आ गई और एक प्रथम सूचना रिपोर्ट तैयार कर मैं और डॉ शिखा कौशिक एस पी शामली श्री रामसेवक गौतम से मिलने गए.एस पी सर किसी मीटिंग मे गए हुए थे, हमें नहीं मिले. तब हमने घर आकर X अकाउंट ( formerly twitter ) पर ट्वीट किया-
"@PoliceShamli कृपया संज्ञान में लें । पुलिस अधीक्षक साहब मिल नहीं पाएं । हम कार्यालय पर देर से 2:00 PM पर पहुंचे थे. कैराना कचहरी को कुछ दबंग अधिवक्ताओं ने गुंडागर्दी का अड्डा बना लिया है। बार एसोसिएशन कैराना के द्वारा किए जा रहे निर्माण तक को नेस्तनाबूद कर डाला। जान व माल का खतरा...."
"Shamli police @PoliceShamli
Replying to @DrShikhaNSS
प्रकरण के सम्बन्ध में थाना प्रभारी कैराना को जांच कर आवश्यक वैधानिक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया है."
पुलिस की कार्यवाही और कैराना थाना प्रभारी श्री धर्मेंद्र सिंह की सख़्ती को देखते हुए 6 अगस्त में बार भवन के गेस्ट हाउस में मीटिंग बुलाई गई, जिसमें बार एसोसिएशन कैराना के अध्यक्ष और महासचिव द्वारा प्रकरण को बार एसोसिएशन द्वारा आपसी बातचीत से निबटाने की बात रखी गई, जिसे देखते हुए थाना प्रभारी श्री धर्मेंद्र सिंह कुछ समय देकर चले गए.
इसके बाद मीटिंग में सभी के सामने मैंने स्पष्ट रूप से कह दिया कि द्वार इसी स्थान पर बनेगा, जहाँ मेरे धरने को खत्म कराते हुए पूर्व अध्यक्ष ब्रह्म सिंह ने सहमति व्यक्त की थी.अन्य किसी स्थान के बारे मे मैंने सोचने से भी मना कर दिया.
15 अगस्त में ठेकेदार/मिस्त्री रईस अहमद को फिर से कार्य शुरू करने के लिए कहा गया.बारिश के मौसम को देखते हुए और जुम्मा होने के कारण ठेकेदार/मिस्त्री रईस अहमद के मजदूरों के न आने के कारण मैं घर लौट आई. बाद मे महासचिव महोदय ने बताया कि थोड़ी देर से मजदूर आ गए थे और उन्हें बता दिया गया था कि कार्य को पूर्व निश्चित तरीके से ही पूर्ण करना है, और फिर कार्य आरम्भ हो गया.
दिनांक 19/08/2025
दिनांक 19/08/2025
दिनांक 22/08/2025
दिनांक 22/08/2025
दिनांक 25/08/2025
दिनांक 25/08/2025
दिनांक 26/08/25 मे महासचिव महोदय श्री राजकुमार चौहान एडवोकेट जी ने द्वार का संभावित नक्शा मेरे पास भेजा
दिनांक -26/08/2025
दिनांक 27/08/2025
दिनांक 27/08/2025
दिनांक 27/08/2025
दिनांक 27/08/2025
दिनांक 3 सितंबर 2025
दिनांक 08 सितम्बर 2025
दिनांक 18 सितंबर 2025 को पता चला कि अबकी बार बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट स्मृति द्वार विरोधी गुट ने अरशद अली एडवोकेट को अपना मोहरा बनाकर हाईकोर्ट में गेट के विरोध में लेटर लिखवाया है और फिलहाल फिर से गेट का काम रुक गया है जो कि 23 सितंबर को भी मुझे रुका हुआ ही नजर आया है.
महासचिव महोदय के कहने पर मैं 23 और 25 सितंबर को वरिष्ठ अधिवक्ता बाबू ब्रह्मपाल सिंह चौहान एडवोकेट जी से मिली जिन्होंने फुर्सत मिलते ही कार्य करने के लिए कहा, इसी कार्य के लिए मैं वरिष्ठ अधिवक्ता बाबू रियासत अली एडवोकेट जी से भी 25 सितंबर को मिली और उन्होंने भी सहयोग का आश्वासन दिया.
10 अक्टूबर 2025 को महासचिव महोदय श्री राजकुमार चौहान एडवोकेट जी ने मुझे व्हाट्सएप्प पर मैसेज भेजा कि टाइल लगवा दी हैँ. आप शब्द तैयार करा लीजिये, जिसके लिए मैंने उनसे पूर्व में अनुमति मांगी थी.
फिर मैंने जिला टैक्स बार एसोसिएशन शामली के अधिवक्ता श्री विक्रांत भार्गव एडवोकेट जी से फोन पर सम्पर्क कर किसी वर्ड क्रिएटर के बारे में पूछा, तब उन्होंने अक्षर डिज़ाइन वर्क के श्री चंद्र देव और श्री वरुण कुमार धीमान का फोन नम्बर दिया
तब उनसे सम्पर्क करने पर और गेट पर "बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट स्मृति द्वार" लिखने की बात कहने पर वरुण कुमार धीमान ने 7 अक्टूबर को व्हाट्सएप्प पर यह भेजा
13 अक्टूबर 2025 को कैराना में गेट का यह स्वरूप नजर आया
दिनांक- 13 अक्टूबर 2025
दिनांक -13 अक्टूबर 2025
15 अक्टूबर 2025 को वरुण धीमान जी का मैसेज आने पर उन्हें शब्द लिखें जाने के लिए 10,000₹ Phone pay से प्रेषित किये.
वरुण धीमान जी से बात में समय 25 अक्टूबर 2025 तय हुई थी क्योंकि बीच में 18 से लेकर 23 तक दीपावली पर्व था, 25 अक्टूबर को वर्ड तैयार नहीं हुए, कई बार कहने के बाद 29 अक्टूबर को वरुण धीमान जी से बातचीत हुई और उनसे कहा कि कल को हर हाल में कार्य हो जाना चाहिए, सुबह तक उनका कोई फोन नहीं आया, 9.38 ए. एम. पर वरुण धीमान जी का फोन आता है और वह कहते हैं कि पैड बंधवा लीजिये मिस्त्री पहुँच रहे हैं, मैं कैराना कचहरी में पहुँचती हूं किन्तु न पैड बंधता है और न मिस्त्री आते हैं, उनसे बात करने पर यही पता चलता है कि वर्ड उन्हें आज सुबह ही मिले हैं और वे उन्हें कटवा रहे हैं. आख़िरकार मैं उन्हें कल सुबह जल्दी आने के लिए कहकर घर कांधला आ जाती हूं.
31 अक्टूबर 2025 भी आ जाती है, मैं सुबह 9 बजे कैराना कचहरी में पहुँचती हूं, मिस्त्री 11 बजे आ जाते हैं और कार्य आरम्भ होता है. द्वार ठेकेदार मिस्त्री रईस अहमद खुद के चोट लगने के बावजूद पैड बंधवाते हैं, मिस्त्री की मशीन में थोड़ी गड़बड़ आती है, रामकुमार मिस्त्री वरिष्ठ हैं और नितिन जूनियर मिस्त्री है, सीढ़ी पर चढ़कर नितिन पहले गेट पर कागज चिपकाकर अनुमान लगाता है और फिर आरम्भ होता है स्टील के शब्द लगाने का कार्य, महासचिव श्री राजकुमार चौहान एडवोकेट जी शब्दों के सही लगवाए जाने के लिए व्यग्र थे, उन्हें जरा सी चूक नजर आई तो एक बार लगे हुए वर्ड हटवाकर फिरसे लगवाए. महासचिव श्री राजकुमार चौहान एडवोकेट जी और कोषाध्यक्ष श्री विनोद कुमार एडवोकेट वहां लगभग अन्य अधिवक्ताओं के साथ उपस्थित रहे. शाम लगभग 6 बजे शब्द लगाए जाने का कार्य पूर्ण हुआ और मैंने वरुण धीमान जी से तय किये गए 3000₹ मिस्त्री रामकुमार जी के हाथ में दिए
अगले दिन वरुण धीमान जी को सुबह ही शेष बचे हुए 3500₹ phone pay से भेज दिए
अमर भारती दैनिक समाचार पत्र के पत्रकार सन्नी गर्ग बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट स्मृति द्वार के नामकरण के दौरान वहीं उपस्थित थे उन्होंने समाचार पत्र में समाचार का प्रकाशन किया



































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