बाबू कौशल प्रसाद बनना हर किसी के लिए सम्भव नहीं



🌑 बार भवन के लिए जगह दिलाने के लिए 99 साल का पट्टा तैयार करने की मेहनत करें - बाबू कौशल प्रसाद

(बाबू गौरी चंद /बाबू भटनागर प्रेक्टिस सजाएं)

🌑 अधिवक्ताओं को बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश से अधिवक्ता का सम्मान/सहायता दिलाने के लिए बार एसोसिएशन की सोसाइटी रजिस्टर्ड कराकर बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश से संबद्ध कराएं - बाबू कौशल प्रसाद 

(बाबू गौरी चंद /बाबू भटनागर प्रेक्टिस सजाएं साथ ही बार एसोसिएशन का वक़ालत नामा भी न लगाएं) 

🌑 अधिवक्ताओं के लिए पुस्तकालय सुविधा के लिए मेहनत करें, पुस्तकालय की स्थापना कराएं - बाबू कौशल प्रसाद

(बाबू गौरी चंद /बाबू भटनागर प्रेक्टिस सजाएं)

🌑 अधिवक्ताओं के साथ न्यायालयों में बदसलूकी होने पर अधिकारियों के खिलाफ आवाज उठाकर अपनी प्रेक्टिस को दांव पर लगाएं - बाबू कौशल प्रसाद 

((बाबू गौरी चंद /बाबू भटनागर प्रेक्टिस सजाएं)

🌑 बाबू कौशल प्रसाद का स्वर्गवास - 1 मार्च 2015 

      बाबू गौरी चंद का स्वर्गवास - मार्च 2020 

      बाबू भटनागर का स्वर्गवास - जनवरी 2022 

( 45 वर्षों तक लगातार बार एसोसिएशन की सेवा किये जाने के बावजूद बाबू कौशल प्रसाद के नाम पर कुछ भी किए जाने में बार एसोसिएशन को क्या डर है समझ में नहीं आता, बाबू कौशल प्रसाद की तस्वीर 2015 के बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बाबू वीरसेन पंवार द्वारा शालिनी कौशिक से बार भवन में लगाए जाने के लिए मांगे जाने के बावजूद बार भवन में न लगकर बाबू कौशल प्रसाद के घर में ही रहती है इसमे बाबू कौशल प्रसाद या उनके परिवार का कोई अपमान नहीं है किन्तु अधिवक्ताओं की शोक सभा तक में खड़े न होने वाले बाबू गौरी चंद का नाम उस बार भवन के गेट पर तानाशाही से लिख दिया जाता है जिसके लिए उनके स्वयम के मन में न कोई श्रद्धा थी न योगदान तो उस पर से उनका नाम हटाने पर उनका, उनके परिवार का, उनके समर्थकों का अपमान हो जाएगा, ऐसे ही बाबू भटनागर जिनका कोई योगदान बार एसोसिएशन फंड तक के लिए नहीं रहा क्योंकि उन्होंने बार एसोसिएशन का वकालत नामा तक नहीं लगाया, उसके पुस्तकालय को बाबू भटनागर द्वारा कभी देखा भी नहीं गया, उसके गेट पर उनका नाम कानून की अवहेलना कर लिख दिया जाए और उस कानून की अवहेलना में स्वयं बाबू कौशल प्रसाद द्वारा स्थापित बार एसोसिएशन की पूरी कार्यकारिणी इस थोपे गए, तानाशाही के नामकरण का समर्थन करने खड़ी हो जाए, ऐसा घोर कलियुग में ही हो सकता है) 

द्वारा 

शालिनी कौशिक एडवोकेट 

पुत्री स्व श्री कौशल प्रसाद एडवोकेट 

कैराना (शामली) 


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

स्व बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट स्मृति द्वार निर्माण कार्य का शुभारम्भ